CONSIDERATIONS TO KNOW ABOUT SHIV CHALISA LYRICS IN PUNJABI

Considerations To Know About shiv chalisa lyrics in punjabi

Considerations To Know About shiv chalisa lyrics in punjabi

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मातु पिता भ्राता सब कोई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥

स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठेत् सर्वदा भर्गभावानुरक्तः ।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।

नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥

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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर read more मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

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अपना मुंह पूर्व दिशा में रखें और कुशा के आसन पर बैठ जाएं।

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